पर्यावरण जागरूकता विषय के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले बलिया शहर से एक रिपोर्ट

शिक्षक : डॉ. धरवेश कठेरिया

छात्र : सचिन यादव 

एम. ए. जनसंचार ( तृतीय छमाही )

प्रश्नपत्र - फोटो पत्रकारिता एवं तकनीकी

संगोष्ठी विषय - पर्यावरण जागरूकता

उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया ऐतिहासिक रूप से तो काफी समृद्धि हासिल करता है लेकिन विकास कार्यों के प्रति लगातार उपेक्षित होने से वर्तमान समय में शहर की स्थिति बदतर हो गयी है। शहर की सबसे बड़ी समस्या है जल निकासी का उचित प्रबंध न होना, शहर में बरसात के दौरान कुछेक कॉलोनियों को छोड़कर सभी कॉलोनियां जलमग्न हो जाती हैं, घरों तक में पानी भर जाता है, मजबूरन लोगों को दूसरी जगह जाना पड़ता है या फिर वे समस्या के साथ जीने को मजबूर रहते हैं। अगर हम पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बात करें तो हमें यह समझ आएगा कि कहीं न कहीं आम जनमानस के मूर्खतापूर्ण फैसलों से ऐसे संकट उत्पन्न होते हैं। नीचे दिए गए फोटो के जरिये हम देख सकते हैं किस तरह से प्लास्टिक कूड़ा उन खाली जगहों, नालियों में फेंक दिया जाता है जहां से जल निकासी की संभावना हो सकती है, अव्यस्थित तरीके से बसी कालोनीयां भी इसकी बड़ी वजह हैं, पिछली बारिश में तो जिले के कारागार में जलभराव के कारण कैदियों को दूसरे जिले के कारागरों में भेजना पड़ा, और सबसे बड़ी बात बरसात के बीते इतना समय हो गया लेकिन पानी को नहीं निकाला जा सका है।
















ImgMGAHV 0.1

हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रावासों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण कूड़ेदान में आग लगाकर करने की आश्चर्यजनक प्रक्रिया देखने को मिला, इसकी जवाबदेही किसकी होगी ये नहीं पता लेकिन ऐसा करना ही व्यवहारिक रूप से थोड़ा अजीब है । इस तरह से अपशिष्टों को जलाकर पर्यावरण को क्षति पहुँचाई ही जा रही है साथ ही आस पास के पेड़ पौधों को भी नुकसान हो रहा है किसी भी हरे पेड़ के नीचे सूखी घास पर आग लगा देना बेवकूफी है इस तरह के हरकत से बचना चाहिए जिम्मेदार इसकी सुध लें ।

ImgMGAHV 0.2

विनोबा हिल के अंतिम छोर, पिछले हिस्से पर विभिन्न जगहों से कूड़ा लाकर डंप कर दिया जाता है और उसमें आग लगा दी जाती है। इसमें निकलने वाली जहरीली हवा छात्रावासों की जाती है जिससे सांस लेने में थोड़ी समस्या होती है, हवा में इस धुएं की महक बनी रहती है, कूड़े के निस्तारण का उचित प्रबंध होना चाहिए।


Previous Post
Next Post

0 comments: