Saturday, July 1, 2023

राष्ट्रीय युवा संसद | Sachin Samar | Drishti CUET | Drishti IAS

 


आजादी के बाद भारत ने शासन की संसदीय व्यवस्था को अपनाया। निश्चित रूप से यह संसदीय व्यवस्था ब्रिटेन से प्रभावित है लेकिन सदैव यह प्रयास किया जाता रहा कि भारतीय संविधान, संस्थाएं और इनकी कार्यप्रणाली भारतीय समाज के मूल्यों के अनुरूप हों। इसके लिए न सिर्फ सैद्धांतिक प्रयास किए गए बल्कि व्यावहारिक स्तर पर योजनाएं भी बनाई गईं और सतत रूप से संचालित की जा रही हैं। यदि हम भारतीय इतिहास और समाज का अवलोकन करें तो लोकतांत्रिक और संसदीय मूल्य भारतीय समाज में सदैव विद्यमान रहे हैं। आज आधुनिक लोकतांत्रिक मूल्यों और भारतीय समाज में विद्यमान संसदीय मूल्यों का समावेश करके विभिन्न प्रकार के विचारों को कार्य रूप में लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय युवा संसद भी एक ऐसा ही विचार है........ 

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Wednesday, June 28, 2023

अमीर ख़ुसरो: ‛तूती-ए-हिन्द’ | Sachin Samar | Drishti CUET | Drishti IAS

 अमीर ख़ुसरो: ‛तूती-ए-हिन्द’

अमीर खुसरो भारत की उन महान विभूतियों में से हैं, जो इस देश के इतिहास में भाषा, साहित्य, संगीत और देश की सांस्कृतिक एकता के क्षेत्र में अपने महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए सदैव जीवित रहेंगे। अमीर खुसरो ने धार्मिक संकीर्णता और राजनीतिक छल-कपट के उथल-पुथल से भरे माहौल में रहकर हिन्दू-मुस्लिम एवं राष्ट्रीय एकता, प्रेम, सौहार्द, मानवतावाद और सांस्कृतिक समन्वय के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य किया। वे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के कवि थे, जिनके काव्य की लोकप्रियता भारत में ही नहीं, भारत के बाहर मध्य एशिया के अनेक देशों तक फैली है। ईरान के प्रसिद्ध फारसी कवि हाफिज़ शीराज़ी ने तो उन्हें 'तूती-ए-हिन्द' के नाम से सम्बोधित किया था। आज भी, भारत, पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और तजाकिस्तान आदि विश्व के कई देशों में उनके साहित्य का पठन-पाठन होता है। 

अमीर खुसरो भारतीय परम्परा और परिवेश से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने इस्लामी परम्पराओं को भारतीय विरासत के अन्दर समाहित करने का प्रयास किया। उन्होंने दो विभिन्न संस्कृतियों , दो विभिन्न धार्मिक विश्वासों और परम्पराओं में परस्पर सौहार्द, प्रेम और सामंजस्य का वातावरण तैयार करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। संगीत के क्षेत्र में अमीर खुसरो ने अपने समन्वयकारी प्रवृत्ति के अनुकूल अनेक चमत्कार किए। उन्होंने भारतीय संगीत में कई राग-रागनियों का आविष्कार किया, कई वाद्य यन्त्रों को ईजाद करने का श्रेय भी उन्हें प्राप्त है।

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Friday, March 31, 2023

विज्ञापनों का उपभोक्ताओं पर प्रभाव | Sachin Samar | Drishti IAS Blog

 



वर्तमान समय में विज्ञापन बाजार की दुनिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। एक आंकड़े के अनुसार औसत व्यक्ति प्रतिदिन 280 से 310 विज्ञापन देखता है। विज्ञापन लोगों को सूचना, उत्पादों आदि के बारे में जागरूक करने का एक शानदार तरीका है। लेकिन वर्तमान समय में प्रसारित विज्ञापन समाज के लिए समस्या का कारण भी हो गया है। सभी ने उन विज्ञापनों को देखा है जहां विज्ञापनदाता उपभोक्ता को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि एक उत्पाद आपके जीवन को पांच गुना बेहतर बना देगा और जब तक वे उत्पाद नहीं खरीद लेते तब तक उनका जीवन बेहतर नहीं होगा। विज्ञापनदाता का इरादा आपके दिमाग में घुसने की कोशिश करना और आपके विचारों और निर्णयों को प्रभावित करना है। कार, बीमा, दवा, पेय और राजनीतिक विज्ञापन जैसे विज्ञापन अक्सर उपभोक्ता को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं.... 
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