इमोशन के इस्तेमाल से बढ़ जाता है संचार का प्रभाव : प्रो. संजय द्विवेदी



"मन को छू जाने वाले रचनात्मक संदेशों का करें निर्माण"


गवर्नमेंट कम्युनिकेशन सप्ताह के उद्घाटन सत्र में बोले आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी

भारतीय जन संचार संस्थान के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग में "गवर्नमेंट कम्युनिकेशन सप्ताह" की हुई शुरुआत। (27 फरवरी 2023 से 3 मार्च 2023 तक)


नई दिल्ली, 27 फरवरी। भारतीय जन संचार संस्थान के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग में "गवर्नमेंट कम्युनिकेशन सप्ताह" के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा "भाषा में इमोशन के इस्तेमाल से यह और प्रभावकारी हो जाता है। संवेदना को स्पर्श करने वाले संदेश सदैव सफल माने जाते हैं।" इस अवसर पर पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मीता उज्जैन, टीचिंग एसोसिएट निसा असकरी, सरिमा ठाकुर साथ ही विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे।

प्रो. द्विवेदी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुये कहा अपने अंदर के रचनात्मकता को विकसित करें, अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर किसी भी संदेश का निर्माण करें। संदेश को रचनात्मक एवं शक्तिशाली बनाने पर ध्यान देना चाहिये।’’ उन्होने कोविड19 के दौरान गवर्नमेंट कम्युनिकेशन का जिक्र करते हुये कहा कि मास्क लगाने और हाथ धुलने का संदेश आम जन तक सफल तरीके से पहुंचा जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला इसे सफल संचार कहते हैं।’’

दूसरे सत्र में केंद्रीय संचार ब्यूरो के अपर महानिदेशक श्री के. सतीश नंबूदरीपाद ने गवर्नमेंट कम्युनिकेशन की प्रक्रिया एवं चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने कहा सरकार अपनी नीतियों, सेवाओं, योजनाओं के साथ-साथ अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों को लेकर अपने नागरिकों से संचार करती है। संचार हेतु विभिन्न सरकारी मिडिया प्लेटफार्म जैसे प्रिंट के लिये पीआईबी, इलेक्ट्रानिक मिडिया में दूरदर्शन, आकाशवाणी सहित अन्य सोशल मिडिया का इस्तेमाल करती है।’’ श्री नंबूदरीपाद ने गवर्नमेंट कम्युनिकेशन में चुनौतियों का जिक्र करते हुये कहा कि मिडिया में हर समय बदलाव (अपडेशन) की जरूरत होती है जिसमें निजी मिडिया के मुकाबले सरकारी मिडिया की अपडेशन प्रक्रिया धीमी है’’

अंतिम सत्र को विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मीता उज्जैन ने भारतीय संविधान विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा संविधान को अच्छी तरह से समझें और जानें यह बोझिल विषय नहीं है इससे हमें नागरिक होने के अधिकार की पूरी जानकारी मिलेगी। भारतीय संविधान को बनाने में हमारे पुर्खों ने कड़ी मेहनत की है लेकिन आज के युवाओं में इसके प्रति रुचि ने लेना बेहद निराशा की बात है।’’ धन्यवाद ज्ञापन अनुभव आर्या और रोहित बर्नवाल ने किया।






Previous Post
Next Post

3 comments: