नई दिल्ली, 29 मार्च। भारतीय सूचना सेवा (2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच) के अधिकारी/प्रशिक्षु अधिकारी और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के परिवीक्षाधीनों ने आज भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा कि "सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और इसके कामकाज के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने में संचार बेहद महत्वपूर्ण कारक है। प्रभावी संचार के माध्यम से और सही जानकारी के साथ, आईआईएस अधिकारी नागरिकों को देश की प्रगति में सूचित भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"
भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि "आप सब हमेशा ध्यान रखें कि आप बेहद महत्वपूर्ण और जवाबदेही वाले पद पर हैं। आपके द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय और कार्रवाई का प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए अपने लक्ष्यों को देश के तरक्की और देशवासियों की भलाई के साथ जोड़ें।" राष्ट्रपति ने आगे कहा "वर्तमान में फेक न्यूज़ बड़ी चुनौती है। झूठी खबरों को फैलाने में सोशल मीडिया का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है इसे रोकने के लिए आप सब की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है।"
राष्ट्रपति ने आगे कहा "भारत ने हमेशा दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। संपूर्ण मानवता के लिए सांस्कृतिक संदेशों के जरिये भारत की सॉफ्ट पावर को दुनिया को बताया जा सकता है, जहां वे एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।" उन्होंने कहा "वैश्विक मंच पर भारत की छवि को निखारने में आईआईएस अधिकारियों की अहम भूमिका है।" भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक दोनों को एक कुशल और सुरक्षित आयुध रसद वितरण प्रणाली प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति और अत्याधुनिक हथियारों की शुरूआत के साथ, उन्हें स्वदेशीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नवाचार के लिए प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रपति भवन के प्रेस रिलीज पर आधारित।
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