राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहले दिन बोले वक्तागण भारतीय भाषाओं को लेकर मीडिया के विद्यार्थियों पर बड़ी जिम्मेदारी


भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली में "भारतीय भाषाओं के प्रयोग क्षेत्र का विस्तार और मीडिया" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ।

भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली एवं भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से दो दिवसीय (20-21 मार्च) राष्ट्रीय संगोष्ठी का हो रहा है आयोजन। 

नई दिल्ली, 20 मार्च। "राष्ट्र निर्माण के लिए भारतीय भाषाओं से सशक्त भाषा कोई नहीं, संपर्क भाषा से जीवन तो जिया जा सकता है लेकिन इससे समाज व राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं।" ये बातें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला ने भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान वक्तव्य में कही। इस अवसर पर भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष श्री चमू कृष्ण शास्त्री, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, प्रो. गोविंद सिंह सहित अन्य वक्तागण और सभी क्षेत्रीय संकायों के सदस्य व छात्र उपस्थित रहे। 

भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली एवं भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से "भारतीय भाषाओं के प्रयोग क्षेत्र का विस्तार और मीडिया " विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आईआईएमसी दिल्ली में किया जा रहा है। आज संगोष्ठी के पहले दिन शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल तथा मुख्य अतिथि, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष श्री चमू कृष्ण शास्त्री की मौजूदगी रही।

कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा "संचार की दुनिया में भाषा ही आपकी साध्य है और भाषा ही आपकी पालक है। भाषा का सर्वाधिक उपयोग एक संचारक ही करता है। भाषा हमारी जिंदगी है, भारतीय‌ भाषाएं न्याय की वाहक हैं।" मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष श्री चमू कृष्ण शास्त्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा "आज ज्ञान अर्थव्यवस्था, ज्ञान तकनीक जैसी प्रचलित सभी धारणाएं जिस चीज के माध्यम से संचालित हैं, वह है भाषा। भाषा के बिना ज्ञान का प्रसार संभव नहीं है। श्री शास्त्री ने युवाओं को उद्यम में भारतीय भाषाओं के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया।" 

संगोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने भी अपने भाषण से विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जिनमें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात भाषाविद प्रो. चाँद किरण सलूजा, पीजीडीएवी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. हरीश अरोड़ा, लेखक एवं उद्यमी श्री संक्रांत सानू, दैनिक जागरण नोएडा के सहयोगी संपादक श्री अनंत विजय, इंडिया टुडे के डिप्टी एडिटर मोहम्मद वकास, आईआईएमसी डीन अकादमिक प्रो. गोविंद सिंह, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के सहबद्ध संकाय श्री आनंद भारती रहे। संगोष्ठी में वक्ताओं ने  जोर देते हुए कहा "भारतीय भाषाओं को लेकर मीडिया के विद्यार्थियों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि समाज के निर्माण में मीडिया की अहम भूमिका होती है।" इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के प्रकाष्ठ भाषाविद् भाग ले रहे हैं। 


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