कोरोना की तुलना में तेजी से वायरल हो रही फर्जी खबरों से सावधान रहें । झूठी खबरें जीवन को सचमुच का खर्च करती हैं ।

Image : I - Stock via Deccan Herald


कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई इस बात पर निर्भर करती है कि क्या नागरिकों को इसके बारे में प्रामाणिक जानकारी प्रदान की जा सकती या की जा रही है । कोविद -19 के प्रकोप के बाद से, स्वास्थ्य सेवा ने राजनीति को सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों में पछाड़ा है अब मीम्स और जोक्स कोरोना पर बन रहे हैं साथ ही फर्जी खबरें भी इसी से जुड़ी फैलायी जा रही हैं । नीम हकीम और कई अवतारों ने जन्म ले लिया है जो स्वास्थ्य संबंधी सलाह, कोरोनोवायरस को दूर करने के घरेलू उपाय, चमत्कारिक उपचार, षड्यंत्र के सिद्धांत, वायरस को नष्ट करने के अवैज्ञानिक दावे कर रहे हैं..!

कोरोनो वायरस के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें बीमारी की तुलना में तेजी से वायरल हो रही हैं जिससे नागरिकों को समाचार पत्र या आधिकारिक डब्ल्यूएचओ वेबसाइट जैसे विश्वसनीय स्रोतों के बजाय सोशल मीडिया से अपनी जानकारी प्राप्त करना एक खतरनाक और चिंताजनक मुद्दा है। सोशल मीडिया उस बीमारी के बारे में आतंक पैदा कर सकता है जो अनुचित है, अथवा दूसरे छोर पर यह उग्रता, लोगों को डरा सकता है तमाम तरह के भय को जन्म दे सकता है - जैसे कि व्हाट्सएप में एक तेजी से वायरल हो रही खबर है कि एक के गले के करीब हेयर ड्रायर रखने से इसमें दर्ज कोरोनावायरस नष्ट हो जाएगा, इस तरह की गलत सूचना लोगों को सचमुच मार सकती है।
हमें यह यह ध्यान रखना होगा जो शरारती तत्व इस तरह के सन्देश को वायरल करते हैं उनका मकसद लोगों को भृमित करना होता है । गांवों में लोग तरह - तरह के अंधविश्वास को अपनाना शुरू कर चुके हैं, कुएं में बाल्टी से पानी डालना, दिए जलाना, गौमूत्र पीना आदि..!

अगर सोशल मीडिया की कल्पना मूल रूप से लोगों को परिवार और दोस्तों के साथ संपर्क में रहने में मदद करने के लिए की गई थी, तो दुर्भाग्य से व्हाट्सएप संदेशों, फेसबुक पोस्टों को साझा करने और ट्विटर पर रीट्वीट करने के लिए आज अक्सर "संपर्क में रहने" की प्रक्रिया माना जाता है। इस प्रक्रिया में गलत जानकारी भी बढ़ जाती है । मेरे मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आया कि अब व्हाट्सएप पर प्रसारित खबरों को आप जांच सकते हैं ऐसा फीचर आया है, अगर ऐसा होता है तो काफी हद तक अच्छी ख़बर है लेकिन उसके लिए भी आसान प्रक्रिया होनी चाहिए जिससे उपयोगकर्ता आसानी से उसे जांच ले..! 

सरकार को लोगों में जानकारी के विश्वसनीय स्रोतों को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्व-विनियमन के उनके दावों के बारे में भी आपत्ति करनी होगी । इससे पहले कि वे गम्भीर सामाजिक मुद्दों पर विशेषज्ञ बनकर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं । साथ ही दहशत फैलाने, नीम हकीम फैलाने और जान को खतरे में डालने से बचने के लिए प्लेटफार्मों को तत्काल सुधार हेतु कार्रवाई करनी चाहिए, या ऐसा करने के लिए कुछ नियम बनाया जाना चाहिए । तत्काल में चूंकि सरकार की शक्ति उन्हें विनियमित करने के लिए प्रतिबंधित है और उनके हाथ में बहुत कुछ नही हैं, यदि उनके सर्वर विदेश में हैं, तो उन्हें अपने डेटा को स्थानीय सर्वर पर संग्रहीत करने के लिए प्रयास करने चाहिए..! इस प्रक्रिया में बड़े व्यवधान के साथ अगर कोविद -19 के प्रयासों में अपेक्षा से अधिक समय लगता है, तो ये ऐसे कार्य हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है । सबसे महत्वपूर्ण बात सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को भी विवेक का उपयोग करना होगा कि वे केवल विश्वसनीय स्रोतों से उनकी जानकारी प्राप्त करें..!

© सचिन समर
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