21/11/2022 First Session | विषय/Theme : अमतृ काल के संकल्प और मीविया/ Media & the Resolutions of Amrit Kaal
भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली में 21 नवम्बर से 25 नवम्बर तक चलने वाले सत्रारंभ समारोह का शुभारम्भ आज किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. अनुभूति यादव के पुस्तक न्यू मीडिया एंड जर्नलिज्म साथ ही डॉ प्रमोद कुमार की पुस्तक का विमोचन किया गया। मंच पर निदेशक संजय द्विवेदी और प्रो. गोविंद सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रमोद कुमार ने किया।
First Speaker
Shri Uday Mahurkar, Information Commissioner, Government of India
छात्रों को संबोधित करते हुए सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा वर्तमान समय में भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है देश कुशल नेता के हाथों में है। देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है टेक्नोलॉजी, डिफेंस आदि के जरिये हम और भी सशक्त और स्वदेशी हो रहे हैं। भारत ने कोरोना महामारी से खुद को ही नहीं बचाया बल्कि अन्य देशों में कोविड-19 वैक्सीन देकर मानवता का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री मानवता के संदेश के साथ दुनिया को लीड कर रहे हैं। श्री उदय माहुरकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा मीडिया में आना बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है वर्तमान समय में टीआरपी की लड़ाई है और उस टीआरपी के चक्कर में कुछ भी परोसा जा रहा है हमें इससे बचना होगा साथ ही सोशल मीडिया पर परोसे जा रहे व्यभिचार से भी बचना होगा। नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए छात्रों से कहा कि अपने नेताओं की कमियों को भी स्वीकार करें अगर आपको फलां नेता पसंद है तो जरूरी नहीं कि उसकी अच्छाई को ही जाना जाए उनकी बुराई को भी जाने। अंत में नेहरू की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा नेहरू ने देश में बेहतरीन संस्थान बनाएं हैं लेकिन कुछ मामलों में मैं उनकी आलोचना करता हूँ।
Second Speaker
Sh. Harivansh ji, Dy. Chairman, Rajya Sabha
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा पत्रकारिता का स्वर्ण युग स्वतंत्रता से पहले था वर्तमान नहीं है, आज तो डिजिटल क्रांति है। डिजिटल मीडिया का दायरा विस्तृत है खबरें तेजी से फैल रही है जिससे पत्रकारिता के समक्ष तमाम तरह की चुनौतियां है। पत्रकारिता की पढ़ाई हेतु कई कोर्स संचालित हो रहे हैं तमाम संस्थान में अध्ययन के मौके हैं। वर्तमान समय में टेक्नॉलॉजी का महत्व बढ़ गया है कई स्टार्टअप इनोवेशन हो रहे हैं। स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया विवेकानंद ने 21वीं सदी को युवाओं की सदी कही थी। संघर्ष से सृजन कठिन है छात्रों के पास मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
Second Session
Amrit Kaal : Panch Pran & Media
अमृत काल : पंच प्रण और मीडिया
First speaker
Goal of Developed India:
Dr. JK Bajaj, Chairman, ICSSR, New Delhi
Icssr के अध्यक्ष डॉ. जेके बजाज ने विकसित भारत को रामराज्य की संकल्पना कहा, भारत के विकसित राष्ट्र बनने की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए उन्होंने खाद्य उत्पादन में कमी और कुपोषण का जिक्र किया उन्होंने कहा जीवन में संतुलन बनाकर और रोगों को मिटाकर ही पंचप्राण प्राप्त किया जा सकता है। स्वास्थ्य सुविधाएं सभी को मिलनी चाहिए क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य सीधे सफलता से जुड़ा होता है।
Second speaker
Remove any Trace of Colonial Mindset:
Prafulla Ketkar, editor, Organiser
अपने उद्बोधन में श्री केतकर ने कहा कि अंग्रेज शासकों ने राष्ट्रवाद के हमारे विचार को विकृत कर दिया था अब हमें कुछ प्रमुख लक्ष्यों पर कार्य करने की जरूरत है राष्ट्र निर्माण, एकता, राष्ट्रियता हमारे मुख्य लक्ष्य है जहाँ मौलिक परिवर्तन की आवश्यकता है। अंग्रेजों की गुलामी और इतनी समस्याओं के बावजूद भी हम अपने संस्कृति को सहेजकर रख पाए हैं।
Third speaker-
Celebrate our Heritage:
Prof. Bhagwati Prakash Sharma, Group President, Planning and Control, Pacific University
प्रो. शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए वेदों, पुराणों को वैज्ञानिकता से जोड़कर चर्चा की, साथ ही न्यूटन की थ्योरी हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, को वाल्मीकि रामायण में वर्णित हनुमान के घटनाक्रम का जिक्र किया।
Fourth speaker
Strengthen Unity: Prof. Mazhar Asif, Centre of Persian and Central Asian Studies, JNU
प्रो. मजहर आसिफ ने इंसान और मानव की परिभाषा देते हुए कहा जिसमें मानवता और बुराई है उसे हम आदमी कहते हैं और जिसमें सिर्फ इंसानियत है उसे हम इंसान कहते हैं। उन्होंने कहा रोम, मिश्र, यूनान सभी मिट गए जहां से, अब तक है बाकी नामोनिशाँ हमारा सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमाना, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। उन्होंने प्रेम का जिक्र करते हुए कहा सभी को प्रेम करना चाहिए प्रेम में झुकना चाहिए झुकने से प्रेम बढ़ता है।
Third Session
मीडिया उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य | Goal of Self-Reliant India & Media Entrepreneurship
First speaker.
Dr. Abhishek Garg, Executive Director, DBG Technology (India)
श्री गर्ग ने अपने संबोधन में स्टार्टअप के दौरान आने वाली चुनौतियों पर बात की कहा इस दौरान बेहद धैर्य रखने की जरूरत होती है। अगर आप कोई स्टार्टअप कर रहे हैं तो जोखिम के लिए भी तैयार रहें। आईडिया तो सबके पास है लेकिन सफलता सभी को नहीं मिलती है। इसलिए रणनीति बद्ध तरीके से काम करना होगा।
Speaker 2
Ms. Anurradha Prasad, Editor-in-Chief, News24
Google meet से जुड़ीं न्यूज़24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए मीडिया में चुनौतियों का जिक्र किया उन्होंने कहा तीन तरह के मीडिया संस्थान होते हैं Large, Medium, Individual जिनमें तमाम संघर्षों को सामना करना होता है। खुद पर भरोसा रखकर आगे बढ़ने की जरूरत है। मीडिया के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण चीज है Credible होना अगर आप क्रेडिबल है तो सफलता अवश्य मिलेगी।
Speaker 3
Mr. Shalabh Upadhyaya, Founder, CEO & Editor-in-Chief, NEWJ
NEWJ के संस्थापक श्री शलभ उपाध्याय ने भी न्यूज़ 24 की एडिटर इन चीफ की बातों का समर्थन करते हुए बताया कि मीडिया स्टार्टअप में चुनौतियाँ तो हैं ही इस क्षेत्र में आपको धैर्य रखना होगा। श्री शलभ ने अपने स्टार्टअप के दौरान की समस्याओं तथा उनसे निपटने के उपायों का भी संक्षेप में जिक्र किया।
Speaker 4
Anurag Batra, Chairman and Editor-in-Chief Business World
बिजनेस वर्ल्ड के चेयरमैन श्री अनुराग बत्रा ने कहा सफल होने के लिए किसी को भी ऑलराउंडर होना जरूरी है। उन्होंने छात्रों का IIMC में होना बड़ी उपलब्धि बताया। साथ ही उन्होंने पुस्तकों को अध्ययन को लेकर अपनी रुचि का जिक्र किया। अंत में प्रोफेसर सुनेत्रा सेन नारायण द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ आज का सत्र समाप्त हुआ।
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