"फिल्म समीक्षा ऐसी हो जैसे उपदेश दिया जा रहा हो"
'शुक्रवार संवाद' में बोले प्रख्यात फिल्म समीक्षक व दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय
भारतीय जन संचार संस्थान में 'शुक्रवार संवाद' कार्यक्रम का आयोजन
नई दिल्ली, 30 दिसंबर। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'शुक्रवार संवाद' में 'फिल्म समीक्षा' विषय पर संबोधित करते हुए दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर व प्रख्यात फिल्म समीक्षक श्री अनंत विजय ने कहा कि फिल्म समीक्षा में गुण और दोष दोनों की बात करनी चाहिए। फिल्म समीक्षा से पहले फिल्म निर्माण को समझना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
श्री विजय ने बताया फिल्म समीक्षा के दौरान पहले फिल्म की पटकथा पर बात करनी चाहिए। समीक्षक को तकनीक पहलुओं जैसे फिल्म प्रोडक्शन, कैमरा वर्क, साउंड, एडिटिंग, स्क्रीन प्ले आदि का भी जानकर होना आवश्यक है। तकनीक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा फिल्म निर्माण में तकनीकी ने क्रांति जरूर लायी है लेकिन वास्तविक संवेदना को उत्पन्न करना तकनीक में संभव नहीं। श्री विजय ने आगे कहा फिल्म समीक्षा ऐसी हो जैसे उपदेश दिया जा रहा हो। फिल्मों की कहानी तीन शब्दों के इर्द गिर्द होती है - राम था, सीता थी, रावण आ गया। फिल्म का अंत सुखद रहा या दुःखद इस पर भी ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन जम्मू कैंपस से प्रो. राकेश गोस्वामी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आईजल कैंपस से डॉ. किमी ने दिया।
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